7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने इस वर्ष केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन की समस्या को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने सभी विभागों को सख्त आदेश जारी करके चेतावनी दी है कि वे निर्धारित अंतिम तारीख से पहले प्रमोशन संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दें। यह निर्देश विशेष रूप से सेंट्रल सचिवालय सेवा, सेंट्रल स्टेनोग्राफर सर्विस और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट क्लेरिकल सर्विस के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जारी किया गया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो फाइलें बिना किसी मूल्यांकन के आगे बढ़ा दी जाएंगी।
APAR रिपोर्ट की महत्ता
वार्षिक परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट यानी APAR केंद्रीय कर्मचारियों के करियर में एक निर्णायक भूमिका निभाती है। यह रिपोर्ट न केवल कर्मचारी के वार्षिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है बल्कि प्रमोशन, प्रतिनियुक्ति और नौकरी से जुड़े अन्य लाभों का आधार भी बनती है। यदि किसी अधिकारी की APAR रिपोर्ट समय पर पूरी नहीं होती तो उसका प्रमोशन रुक जाता है। वर्तमान में हजारों कर्मचारियों का प्रमोशन इसी कारण से लटका हुआ है क्योंकि उनकी रिपोर्ट अधूरी है या रिपोर्टिंग अधिकारी ने समय पर अपना काम नहीं किया है।
SPARROW पोर्टल की भूमिका
कार्मिक मंत्रालय ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि 2024-25 के लिए सभी अधिकारियों की APAR रिपोर्ट SPARROW पोर्टल के माध्यम से एक जून 2025 को रिपोर्टिंग अधिकारी के पास भेज दी गई हैं। अब रिपोर्टिंग अधिकारियों को तीस जून 2025 तक अनिवार्य रूप से अपनी टिप्पणी दर्ज करके इसे आगे भेजना होगा। इसके बाद एक जुलाई 2025 से यह रिपोर्ट स्वचालित रूप से अगले स्तर पर भेज दी जाएगी।
प्रक्रिया में आने वाली बाधाएं
प्रमोशन की फाइलें अक्सर रिपोर्टिंग प्राधिकरण और नोडल अधिकारियों के स्तर पर लंबित हो जाती हैं। कुछ मामलों में कर्मचारियों ने समय रहते अपना स्व-मूल्यांकन भी नहीं भरा था जिसे अब सिस्टम ने जबरन आगे बढ़ा दिया है। कई रिपोर्टिंग अधिकारी प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं या समय पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। इसी कारण मंत्रालय ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा है कि वे अपने विभाग के रिपोर्टिंग अधिकारियों को तुरंत समयसीमा की जानकारी दें और उन्हें प्रेरित करें।
नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी
मंत्रालय ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों को चेतावनी दी है कि इस काम को उच्च प्राथमिकता पर किया जाना चाहिए। यदि रिपोर्टिंग अधिकारी समय पर रिपोर्ट पूरी नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव प्रमोशन के साथ-साथ विभागीय छवि पर भी पड़ेगा। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि वे रिपोर्टिंग के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो सिस्टम में वैकल्पिक अधिकारी नियुक्त करें ताकि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
कर्मचारी संगठनों की मांग
विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि प्रक्रिया को अधिक सरल और तेज बनाया जाए। उनका कहना है कि जिन रिपोर्टिंग अधिकारियों की लापरवाही से रिपोर्ट देर से तैयार होती है उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही SPARROW पोर्टल को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की आवश्यकता है।
सरकार का यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। स्वचालित फॉरवर्डिंग सिस्टम अपनाकर सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी जानबूझकर प्रक्रिया को न रोक सके। यह व्यवस्था न केवल प्रमोशन की प्रक्रिया को तेज करेगी बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ाएगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन और APAR से संबंधित नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए संबंधित कार्मिक विभाग या आधिकारिक सरकारी पोर्टल से संपर्क करें। नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं।