LPG Gas New Rate: आज के समय में रसोई गैस की कीमतें लगातार ऊपर-नीचे होती रहती हैं। यह स्थिति हर घर की रसोई को प्रभावित करती है क्योंकि खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस एक जरूरी चीज बन गई है। जब गैस की कीमतें बढ़ती हैं तो आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ता है। इसी कारण से गैस खरीदने से पहले अपने शहर की वर्तमान कीमत जानना बहुत जरूरी हो गया है। हर राज्य और शहर में अलग-अलग दरें होती हैं जिससे उपभोक्ताओं को कहीं सस्ता तो कहीं महंगा गैस सिलेंडर मिलता है।
देश के प्रमुख शहरों में गैस की मौजूदा कीमतें
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 853 रुपए है। यहीं कमर्शियल गैस की कीमत 1723 रुपए तक पहुंच गई है। दूसरी ओर बिहार की राजधानी पटना में घरेलू गैस की कीमत 942 रुपए है जबकि कमर्शियल 19 किलो के सिलेंडर के लिए 1972 रुपए चुकाने पड़ते हैं। अप्रैल महीने के बाद से गैस की कीमतों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है लेकिन छोटे-मोटे बदलाव जरूर होते रहते हैं।
अप्रैल में हुई कीमतों में भारी बढ़ोतरी
इस साल अप्रैल महीने में गैस की कीमतों में बड़ा झटका लगा था। 1 अप्रैल से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए की वृद्धि कर दी गई थी। इससे पहले मार्च में लोगों को 803 रुपए में गैस सिलेंडर मिल रहा था लेकिन अब यह बढ़कर 853 रुपए हो गया है। मई और जून में अभी तक घरेलू गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है पर आने वाले दिनों में इसमें और भी परिवर्तन हो सकते हैं।
विभिन्न राज्यों में गैस की अलग-अलग दरें
देश के अलग-अलग हिस्सों में गैस की कीमतें काफी अलग हैं। पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में घरेलू गैस सिलेंडर सबसे महंगा है जहां इसकी कीमत 1013 रुपए है। वहीं कमर्शियल गैस की कीमत 2182 रुपए तक पहुंच गई है। मिजोरम में भी घरेलू गैस की कीमत 1005 रुपए है। इसके विपरीत दिल्ली में सबसे सस्ता गैस मिल रहा है। हरियाणा में 854 रुपए और गुजरात में 860 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध है।
सरकारी सब्सिडी से मिलती है राहत
घरेलू गैस उपभोक्ताओं को सरकार की तरफ से 300 रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती है। हालांकि गैस खरीदते समय पूरी राशि देनी पड़ती है और सब्सिडी बाद में वापस मिल जाती है। इससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिलती है और गैस की बढ़ती कीमतों का बोझ कम हो जाता है।
गैस की कीमतों में बदलाव के मुख्य कारण
गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं क्योंकि भारत में एलपीजी का बड़ा हिस्सा विदेशों से आता है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी भी इसकी एक वजह है। इसके अलावा तेल कंपनियों के नुकसान और सरकारी नीतियों में बदलाव भी गैस की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
एलपीजी गैस की बढ़ती कीमतें आम आदमी के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। हर महीने होने वाले बदलावों को देखते हुए उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने शहर की वर्तमान कीमतों की जांच करते रहें। सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर इस बढ़ते बोझ को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। एलपीजी गैस की कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं और ये दरें अलग-अलग शहरों में भिन्न हो सकती हैं। वर्तमान कीमतों की जानकारी के लिए अपने स्थानीय गैस एजेंसी से संपर्क करें या आधिकारिक वेबसाइट देखें। यहां दी गई जानकारी की सटीकता की कोई गारंटी नहीं है।