DA Hike: जुलाई 2025 में होने वाली महंगाई भत्ता वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम महंगाई भत्ता हो सकता है। हालांकि अभी तक आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। इस स्थिति में केंद्रीय कर्मचारियों में जुलाई के महंगाई भत्ते को लेकर अपेक्षाएं बनी हुई थीं। परंतु वर्तमान आर्थिक स्थिति और महंगाई दर को देखते हुए इस बार डीए में कम वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
जुलाई में अपेक्षित DA वृद्धि की मात्रा
वर्तमान अनुमानों के अनुसार जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते में दो से तीन प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि एक जुलाई से प्रभावी होगी और इसकी घोषणा सरकार की परंपरा के अनुसार दिवाली से पहले की जा सकती है। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को पचपन प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इस वृद्धि के बाद यह दर सत्तावन या अट्ठावन प्रतिशत तक पहुंच सकती है। यह वृद्धि सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए समान रूप से लागू होगी।
मार्च में हुई पिछली वृद्धि का विवरण
मार्च 2025 में सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में दो प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी गई थी। यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से लागू की गई थी। केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का मुख्य उद्देश्य जीवन यापन की बढ़ती लागत को समायोजित करना और कर्मचारियों को महंगाई से राहत प्रदान करना है।
इस बार कम वृद्धि के कारण
इस बार महंगाई भत्ते में कम वृद्धि होने के पीछे मुख्य कारण देश में घटती महंगाई दर है। वर्तमान में खुदरा महंगाई घटकर छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसमें कमी का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आना है। फरवरी 2019 में खुदरा महंगाई 2.57 प्रतिशत पर थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी महंगाई में कमी को देखते हुए जून महीने की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है।
थोक महंगाई में भी आई गिरावट
थोक महंगाई दर भी काफी घट गई है। खाद्य पदार्थों, निर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण मई महीने में थोक महंगाई चौदह महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर आ गई है। अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत थी जबकि मई 2024 में 2.74 प्रतिशत पर थी। इस गिरावट का सीधा प्रभाव महंगाई भत्ते की गणना पर पड़ता है क्योंकि डीए की दर महंगाई सूचकांक के आधार पर तय की जाती है।
आठवें वेतन आयोग की विलंबित घोषणा
केंद्रीय कर्मचारियों में आशा थी कि सरकार अप्रैल तक आठवें वेतन आयोग की शर्तों को तय कर देगी और अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही आयोग को काम शुरू करने का आदेश देगी। उम्मीद यह थी कि पैनल 2026 के मध्य तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा और उसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रारंभिक अनुमान था कि आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगी।
आठवें वेतन आयोग की अनिश्चितता
अब जून भी समाप्त होने वाला है लेकिन अभी तक आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस देरी के कारण जनवरी 2026 से इसकी सिफारिशों के लागू होने की संभावना काफी कम हो गई है। यह स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि वेतन आयोग की सिफारिशों से उनकी तनख्वाह और भत्तों में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है। सरकार से अपेक्षा है कि वह जल्द ही आठवें वेतन आयोग के गठन की दिशा में कदम उठाएगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। महंगाई भत्ते की वास्तविक दरों, आठवें वेतन आयोग के गठन और अन्य सरकारी नीतियों की नवीनतम जानकारी के लिए कृपया सरकारी विभागों की आधिकारिक वेबसाइट देखें या संबंधित कार्यालयों से संपर्क करें। नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं।