Education Department News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में एक अच्छी खबर आई है। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब गर्मी की छुट्टियों के दौरान किसी भी प्रकार की सरकारी ड्यूटी नहीं करनी होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में साफ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस निर्णय से प्रदेश भर के लाखों शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि यह उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग थी।
अपर मुख्य सचिव के सख्त आदेश
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान किसी भी शिक्षक को स्कूल में उपस्थिति के लिए नहीं बुलाया जाएगा। साथ ही, उन्हें किसी भी प्रकार के सरकारी कामकाज में भी नहीं लगाया जाएगा। यह आदेश सभी जिलों में तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
शिक्षकों की पुरानी समस्या का समाधान
पिछले कई वर्षों से बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों में भी विभिन्न कार्यों में लगाया जाता रहा है। चुनाव का काम हो, जनगणना का सर्वेक्षण हो या फिर सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम – हर काम में शिक्षकों को बुलाया जाता था। इससे वे न तो अपने परिवार के साथ समय बिता पाते थे और न ही खुद को मानसिक रूप से तैयार कर पाते थे। लगातार काम के दबाव से वे थक जाते थे और अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में भी उनकी ऊर्जा कम रहती थी।
छुट्टियों का समय और अवधि
इस साल प्रदेश के लगभग 81,000 सरकारी स्कूलों में 2 जून से 20 जून तक गर्मी की छुट्टियां रहेंगी। इस दौरान सभी स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे। केवल स्कूल के प्रमुख या प्रभारी प्रधानाध्यापक को जरूरी प्रशासनिक कार्यों के लिए स्कूल जाना होगा। बाकी सभी शिक्षक पूर्ण विश्राम का आनंद ले सकेंगे।
विशेष गणित शिविर की व्यवस्था
हालांकि शिक्षकों को पूरी छुट्टी मिली है, लेकिन बच्चों की शिक्षा को भी ध्यान में रखा गया है। कक्षा पांचवीं से छठी तक के कमजोर छात्रों के लिए गणित के विशेष शिविर की व्यवस्था की गई है। यह कार्यक्रम पूरी तरह स्वैच्छिक है और जो शिक्षक चाहें, वे इसमें भाग ले सकते हैं। इन शिविरों में रोजाना डेढ़ घंटे तक गणित की विशेष कक्षाएं चलाई जाएंगी।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
बिहार के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस फैसले का दिल से स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे शिक्षकों को मानसिक शांति मिलेगी। जब वे अपने परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएंगे और खुद को तरोताजा करेंगे, तो नए शैक्षणिक सत्र में वे बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगे। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भी फायदेमंद होगा।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। सभी जानकारी सामान्य स्रोतों से ली गई है। किसी भी नीतिगत बदलाव या अधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें।