PM Awas Yojana New Rules: प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस योजना के तहत घर निर्माण में आने वाली समस्याओं और धीमी गति को देखते हुए सरकार ने नए नियम बनाए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य आवास निर्माण प्रक्रिया को तेज और सरल बनाना है। पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत अब लाभार्थियों को कम परेशानी उठानी पड़ेगी और उनका घर बनाने का सपना जल्दी पूरा हो सकेगा।
आवेदन प्रक्रिया में सुधार
नए नियमों के अनुसार अब पीएम आवास योजना के लाभार्थी अपना आवेदन दो तरीकों से दे सकेंगे। पहले केवल ऑनलाइन आवेदन की सुविधा थी, लेकिन अब ऑफलाइन माध्यम से भी आवेदन दिया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने मोहल्लों और वार्डों में विशेष शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन शिविरों में पात्र नागरिक बिना किसी कठिनाई के अपना आवेदन जमा कर सकेंगे। यह व्यवस्था खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो तकनीकी रूप से कम जानकार हैं या जिनके पास इंटरनेट की सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं है।
तीन दिन में मिलेगा बिल्डिंग परमिट
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब घर निर्माण के लिए बिल्डिंग परमिट केवल तीन दिन में मिल जाएगा। पहले इस काम में महीनों लग जाते थे और लाभार्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आवेदन की जांच के बाद तीन दिन के अंदर संबंधित विभाग को बिल्डिंग परमिट जारी करना होगा। यह नियम छत्तीसगढ़ की सभी नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम के लिए लागू किया गया है। इससे घर निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
शुल्क माफी की बड़ी राहत
नए नियमों में सबसे बड़ी राहत यह है कि अब पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को कोई भी शुल्क नहीं देना होगा। पहले भवन विकास शुल्क, परमिट शुल्क और अन्य प्रकार के शुल्क देने पड़ते थे। यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए बड़ी समस्या थी। अब सरकार ने इन सभी शुल्कों को माफ कर दिया है। साथ ही नक्शा पास कराने के लिए भी कोई अलग शुल्क नहीं देना होगा। यह कदम उन हजारों परिवारों के लिए वरदान है जो वर्षों से अपने घर का सपना देख रहे थे।
भूमि चयन के नए मानदंड
सरकार ने घर निर्माण के लिए भूमि चयन के भी नए मानदंड तय किए हैं। अब घर ऐसी जगह बनाए जाएंगे जहां सार्वजनिक जमीन का उपयोग न हो और भविष्य में दोबारा व्यवस्थापन की जरूरत न पड़े। मकान के आसपास मुख्य सड़क, नाला, प्रस्तावित बायपास, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र या प्राकृतिक जल स्रोत नहीं होना चाहिए। 500 वर्ग फीट के प्लॉट पर घर बनाने वाले लाभार्थियों को 75 प्रतिशत हिस्सा खुला रखना होगा।
बकाया कर की समस्या का समाधान
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब किसी भी प्रकार का बकाया कर जमा करना जरूरी नहीं होगा। पहले अगर आवेदक पर कोई टैक्स बकाया होता था तो बिल्डिंग परमिट नहीं मिलता था। अब यह बंधन हटा दिया गया है और मैन्युअल प्रक्रिया के द्वारा आसानी से निर्माण की अनुमति मिल जाएगी। हालांकि संबंधित निकाय बाद में वसूली का काम कर सकता है, लेकिन इससे घर निर्माण में देरी नहीं होगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना के लिए आवेदन करने से पहले संबंधित सरकारी कार्यालय या आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम और सटीक जानकारी अवश्य प्राप्त करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, इसलिए आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है।