School Holidays: वर्ष 2025 की गर्मी की छुट्टियां अपने अंतिम चरण में पहुंच रही हैं और देशभर के बच्चे एक बार फिर स्कूली जीवन की तैयारी में जुट गए हैं। लगभग डेढ़ महीने की लंबी छुट्टियों के बाद अब समय आ गया है जब बच्चों को दोबारा किताबों, कॉपियों और स्कूल बैग के साथ अपनी दिनचर्या में लौटना होगा। इस दौरान बच्चों के मन में उत्साह और उत्सुकता दोनों का मिश्रण होता है क्योंकि एक तरफ वे अपने दोस्तों से मिलने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं तो दूसरी तरफ छुट्टियों की आजादी छोड़ने का दुख भी होता है। यह समय न केवल बच्चों के लिए बल्कि माता-पिता के लिए भी नई चुनौतियों और जिम्मेदारियों का आरंभ होता है।
उत्तर भारतीय राज्यों में स्कूल खुलने का कार्यक्रम
उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में गर्मी की छुट्टियों की समयावधि लगभग समान रहती है। उत्तर प्रदेश में अधिकांश सरकारी स्कूल 30 जून के बाद खुलने वाले हैं जबकि निजी स्कूलों में यह समय जुलाई के पहले सप्ताह तक बढ़ सकता है। दिल्ली के शिक्षा विभाग ने भी इसी प्रकार का कार्यक्रम निर्धारित किया है जहां सरकारी स्कूल जून के अंत तक बंद रहेंगे। राजस्थान में अत्यधिक गर्मी के कारण स्कूल 30 जून तक बंद रहने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में भी इसी समयसीमा के आसपास स्कूल खुलने की तैयारी चल रही है। बिहार में हालांकि छुट्टियों की अवधि अपेक्षाकृत कम है और जून के मध्य तक स्कूल खुल जाने की उम्मीद है।
मध्य भारत और पश्चिमी राज्यों की स्थिति
मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग ने जून के अंतिम सप्ताह तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ में स्कूल जून के मध्य में खुलने की संभावना है जो अन्य राज्यों की तुलना में कुछ जल्दी है। महाराष्ट्र में गर्मी की छुट्टियां अपेक्षाकृत जल्दी शुरू हुई थीं इसलिए जून के दूसरे सप्ताह तक स्कूल खुल जाने की उम्मीद है। यह राज्यवार भिन्नता मुख्यतः स्थानीय मौसमी परिस्थितियों और शिक्षा विभाग की नीतियों के कारण होती है।
दक्षिण भारतीय राज्यों में शिक्षा कैलेंडर
दक्षिण भारत के राज्यों में शैक्षणिक कैलेंडर कुछ अलग तरीके से संचालित होता है। कर्नाटक में स्कूल मई के तीसरे सप्ताह से खुलने शुरू हो गए हैं। तमिलनाडु में नया सत्र जून के पहले सप्ताह में शुरू होने वाला है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जून के दूसरे सप्ताह तक स्कूल खुल जाने की संभावना है। केरल में शैक्षणिक सत्र अन्य राज्यों की तुलना में जल्दी शुरू होता है और वहां के अधिकांश स्कूल जून की शुरुआत में ही खुल चुके हैं।
पूर्वी राज्यों की तैयारी और योजना
पूर्वी भारत के राज्यों में भी स्कूल खुलने की तैयारियां जोरों पर हैं। पश्चिम बंगाल में जून के मध्य तक स्कूल खुल जाने की उम्मीद है। ओडिशा में लू की स्थिति को देखते हुए स्कूल जून के तीसरे सप्ताह तक बंद रह सकते हैं। झारखंड में भी इसी प्रकार का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है जहां स्कूल जून के मध्य या जुलाई की शुरुआत में खुलने वाले हैं।
नए सत्र की चुनौतियां और अवसर
स्कूल खुलने के साथ ही नया शैक्षणिक सत्र शुरू होता है जो बच्चों के लिए नई चुनौतियों और अवसरों का समय होता है। शिक्षकों की ओर से पहले कुछ दिनों में ब्रिज कोर्स और रिवीजन सेशन का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चे दोबारा पढ़ाई के माहौल में ढल सकें। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को स्कूली अनुशासन की आदत दिलाई जाती है। नई किताबें, यूनिफॉर्म और स्कूल की सामग्री के साथ बच्चे नए उत्साह से पढ़ाई की शुरुआत करते हैं।
माता-पिता की बढ़ती जिम्मेदारियां
स्कूल खुलने के साथ ही माता-पिता की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। बच्चों की नियमित दिनचर्या बनाना, टिफिन की व्यवस्था करना, होमवर्क में सहायता करना और परिवहन की व्यवस्था करना जैसे कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं। इस दौरान विशेष रूप से बच्चों को मोबाइल और टेलीविजन की लत से निकालकर पढ़ाई के माहौल में ढालना एक बड़ी चुनौती होती है। माता-पिता को धैर्य के साथ बच्चों को नई दिनचर्या के लिए तैयार करना होता है।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। सटीक छुट्टियों और स्कूल खुलने की तारीखों के लिए कृपया अपने राज्य के शिक्षा विभाग या संबंधित स्कूल से संपर्क करें। तारीखें मौसम और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती हैं।