8th Pay Commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी दी है। इस आयोग के गठन से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे।
यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। सरकार का यह निर्णय वेतन संशोधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पारंपरिक रूप से हर दस साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है और 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था।
लागू होने की संभावित तिथि
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि अभी तक सरकार ने इसकी संदर्भ शर्तों की औपचारिक घोषणा नहीं की है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2025 में आयोग की स्थापना से 7वें वेतन आयोग की अवधि समाप्त होने से पहले सिफारिशों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।
आयोग को अपनी रिपोर्ट 2026 तक सरकार को सौंपनी होगी। इसके बाद सरकार राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से परामर्श करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। यदि सब कुछ समय पर होता है तो कर्मचारियों को फरवरी 2026 से संशोधित वेतन मिलना शुरू हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। यह गुणांक तय करता है कि वर्तमान मूल वेतन पर नई सैलरी कितनी होगी। 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 होना चाहिए।
यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो वर्तमान में 18 हजार रुपये की न्यूनतम मूल सैलरी बढ़कर 51 हजार 480 रुपये हो जाएगी। इसी प्रकार एलडीसी जैसे लेवल 2 कर्मचारी का वेतन 19 हजार 900 रुपये से बढ़कर 56 हजार 914 रुपये तक पहुंच सकता है। उच्च स्तर पर आईएएस अधिकारियों की मूल सैलरी 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 7.15 लाख रुपये तक होने की संभावना है।
पेंशनभोगियों के लिए राहत
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस आयोग से बड़ी राहत मिल सकती है। वर्तमान में 9 हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के साथ बढ़कर 25 हजार 740 रुपये तक पहुंच सकती है। यह वृद्धि उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो महंगाई के दौर में अपनी पेंशन पर निर्भर हैं।
पेंशनभोगियों की यह भी मांग है कि कम्यूटेड पेंशन को 12 साल के बाद दोबारा शुरू किया जाए और हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जाए। इन मुद्दों पर भी आयोग विचार कर सकता है।
महंगाई भत्ता और वेतन संरचना में परिवर्तन
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है जो साल के अंत तक 59 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। सरकार इस महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समाहित करने पर विचार कर रही है। इससे कर्मचारियों को स्थायी लाभ मिलेगा और वेतन संरचना भी सरल हो जाएगी।
आयोग कुछ वेतन स्तरों को आपस में मिलाकर संरचना को और भी सुविधाजनक बना सकता है। यह परिवर्तन करियर की प्रगति में भी तेजी ला सकता है। एक्रॉयड फार्मूले का उपयोग करके जीवन यापन की न्यूनतम लागत के अनुसार वेतन निर्धारण किया जा सकता है।
राज्य सरकारों पर प्रभाव
केंद्र सरकार की सिफारिशों का प्रभाव केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहता। परंपरागत रूप से राज्य सरकारें भी केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को आधार बनाकर अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती हैं। इससे देशभर के करोड़ों राज्य सरकारी कर्मचारी भी लाभान्वित होते हैं।
यह व्यापक वेतन वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक होगी क्योंकि बढ़ी हुई क्रय शक्ति से उपभोग में वृद्धि होगी और बाजार की मांग को नई गति मिलेगी। इससे समग्र आर्थिक विकास में योगदान मिल सकता है।
चुनौतियां और तैयारी
हालांकि आयोग के गठन की घोषणा हो चुकी है लेकिन अभी तक इसकी संदर्भ शर्तें तय नहीं हुई हैं। टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो आयोग के कार्यक्षेत्र को निर्धारित करती है। सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने पर काम कर रही है।
कर्मचारी संगठन भी अपनी मांगें तैयार कर रहे हैं और आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने की तैयारी में हैं। आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और सरकारी वित्त की स्थिति जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करेगा। यह एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की चुनौती होगी जो कर्मचारियों के हितों और राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति दोनों को देखते हुए निर्णय ले सके।
अस्वीकरण: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की नवीनतम जानकारी के लिए पाठकों को आधिकारिक सरकारी स्रोतों से जानकारी सत्यापित करनी चाहिए। वेतन आयोग की सिफारिशें और उनका कार्यान्वयन सरकारी नीतियों और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार बदल सकते हैं, इसलिए अंतिम निर्णयों के लिए आधिकारिक घोषणाओं की प्रतीक्षा करना उचित होगा।