Dearness Allowance: मार्च 2025 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने महंगाई भत्ता जनवरी 2025 से पूर्व के 53 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया है। यह वृद्धि करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होगी। अगली महंगाई भत्ता वृद्धि की घोषणा जुलाई 2025 से प्रभावी होने की उम्मीद है, जिसकी आधिकारिक घोषणा दिवाली के समय तक हो सकती है।
18 महीने के बकाया एरियर की मांग
हाल ही में दिल्ली स्थित सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कोरोना काल के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते के बकाया भुगतान की मांग को लेकर गंभीर चर्चा हुई है। जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक के 18 महीनों का महंगाई भत्ता एरियर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को नहीं मिला है। इस बैठक में शिवगोपाल मिश्रा और एम राघवैया जैसे वरिष्ठ कर्मचारी संघ नेताओं ने भाग लिया और सरकार से इस बकाए का तत्काल भुगतान करने की मांग रखी।
विभिन्न स्तरों पर एरियर की गणना
नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के अनुसार विभिन्न स्तर के कर्मचारियों को अलग-अलग राशि का एरियर मिलने की संभावना है। लेवल-1 के कर्मचारियों को 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपए तक का महंगाई भत्ता एरियर मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपए है तो उसे तीन महीनों के हिसाब से 11,880 रुपए का बकाया मिल सकता है। वहीं 56,000 रुपए मूल वेतन वाले कर्मचारी को 37,554 रुपए का एरियर भुगतान किया जा सकता है।
उच्च स्तरीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राशि
सातवें वेतन आयोग के लेवल-13 और लेवल-14 के कर्मचारियों के लिए यह एरियर काफी बड़ी राशि में बनता है। लेवल-13 के कर्मचारियों का मूल वेतन 1,23,100 रुपए से 2,15,900 रुपए के बीच है और इन्हें 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए तक का महंगाई भत्ता एरियर मिल सकता है। यह राशि इन कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार ला सकती है।
आठवें वेतन आयोग और बीमा योजना की चर्चा
बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन पर भी विस्तृत चर्चा हुई है। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सरकार से जल्द आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करने की मांग की है। उनकी उम्मीद है कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इसके अतिरिक्त केंद्रीय सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। व्यय विभाग ने जानकारी दी है कि इस योजना के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे जल्द ही कर्मचारी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा।
कर्मचारी संघों का मानना है कि यह एरियर उनका अधिकार है और सरकार को इसका भुगतान करना चाहिए। महंगाई की बढ़ती दर और जीवनयापन की बढ़ती लागत को देखते हुए यह एरियर कर्मचारियों के लिए बेहद आवश्यक है।
अस्वीकरण: यह लेख उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी आधिकारिक घोषणा या नीतिगत निर्णय के लिए संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।